यूपी के छोटे से गांव की आराध्या त्रिपाठी ने ठुकराई 32 लाख की नौकरी, फिर गूगल से मिला 56 लाख का ऑफर

Google Job Offer 56 Lakh Aaradhya Tripathi: उत्तर प्रदेश की रहने वाली आराध्या त्रिपाठी को गूगल की तरफ से 56 लाख रुपए पेकेज वाली नौकरी का ऑफर दिया गया है। उत्तर प्रदेश में पहले से ही कई प्रतिभाशाली लोग निकले है। जिन्हे दुनियाभर में बहुत सम्मान मिला। वैसे भी उत्तर प्रदेश को प्रतिभाशाली प्रदेश कहा जाता है।

आराध्या त्रिपाठी यूपी के संत कबीर नगर जिले के गोठला गांव की रहने वाली है। आराध्या के पिता वकील है और ma घर का काम काज संभालती है। गूगल से 56 लाख रुपए का ऑफर मिलते ही चारो तरफ आराध्या के चर्चे किए जा रहे है।

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि आराध्या त्रिपाठी ने नही तो आईआईटी किया हुआ है। और ना ही एनआईटी और आईआईएम किया हुआ है। फिर भी आराध्या को इतना बड़ा पेकेज दिया गया है। इससे पहले आईआईटी और आईआईएम से पढ़ने वाले छात्रों को इतने बड़े या इससे बड़े पेकेज गूगल की तरफ से ऑफर किए जाते है। तो चलिए जानते है आखिर आराध्या त्रिपाठी ने क्या किया है जिससे उन्हें इतना बड़ा पेकेज ऑफर किया गया।

एमएमएमयूटी से पास की बी टेक परीक्षा

आराध्या त्रिपाठी ने MMMUT कॉलेज में बी टेक के लिए प्रवेश लिया। बहुत कम समय में ही कॉलेज में उन्होंने टेक्निकल फील्ड में अपनी पहचान बना ली थी। पूरी कॉलेज में उनके बारे में सभी जानने लगे थे। यह ही नही गूगल में एक सॉफ्टवेयर डबलपर के तौर पर काम कर अपनी अलग पहचान बनाई। यह कभी थमी नहीं रुकी नहीं लगातार अपने काम को आगे बढ़ाती रही।

आराध्या ने लिंकडिन पर अपनी स्किल्स के बारे में बताया। उन्होने कहा मेरे पास React.JS, React Redux, NextJs, Typescript, NodeJs, MongoDb, ExpressJS और SCSS मे पकड़ मजबूत है साथ में मेने अलग लग प्लेटफॉर्म पर 1000 से अधिक समस्याएं भरे सवालों को हल किया है। यह मेरा अनुभव बेहद खास रहा। मुझे इस काम में बेहद आनंद आता है।

स्केलर कंपनी से 32 लाख पेकेज ठुकराया

आराध्या त्रिपाठी ने स्केलर कंपनी से अपनी इंटर्नशिप पूरी की है। इंटर्नशिप पूरी होने के बाद कंपनी ने उन्हें 32 लाख का फुल पैकेज दिया जिसे आराध्या ने ठुकरा दिया। आराध्या ने स्केलर कंपनी में लाइव प्रोडक्शन ट्रैफिक को संभालते में अधिक कंप्टीशन के रहते अनुभव प्राप्त किया है।

गूगल से 56 लाख का पेकेज मिलते ही उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया। आराध्या के अंदर अलग ही टेलेंट है इतने कम समय में उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में अपने आप को तैयार कर लिया।

बोनस: जब आपको अपने ही काम रुचि हो उसे करने में आनंद आता हो उसे ऊंचे मुकाम तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता। जैसे अपने काम में आनंद से भारत रत्न डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने मुकाम हासिल किया। 

                                                                                                         By Natthu Singh

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