UPSC Success Story: पिता की मौत, मां ने लोगों के घरों में लगाया झाड़ू पोछा, कठिनाइयों के सफर में बेटी बनी आईएएस

UPSC Success Story Divya Tanwar: हरियाणा के गांव महेंद्रगढ़ की रहने वाली दिव्या तंवर ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर सभी को दिखा दिया कि गरीबी कामयाबी के बीच में नही आ सकती। कठिनाई कितनी भी सही लेकिन कामयाबी की राह पर चलते रहने से एक दिन कामयाबी आपको हासिल हो ही जाती है।

आज के समय में जो यूपीएससी की तैयारी कर रहे या नही भी कर रहे है वह आईएएस दिव्या तंवर के बारे में कुछ न कुछ जरूर जानते होंगे। लेकिन आज हम उनके जीवन में आई उलझनों के साथ उनकी जिंदगी की कहानी बताएंगे।

दिव्या तंवर ने एक साधारण से किसान परिवार में जन्म लिया। उनके पिता बीमार रहते थे जो साल 2011 में उन्हे छोड़कर इस दुनिया से चले गए। घर में जितनी इनकम थी वह खत्म हो गई। अब पूरा बोझ उनकी मां पर आ गया। दिव्या तंवर की मां ने दूसरो के खेतो में काम कर और झाटू पोंछा लगाया है। लेकिन मां के कंधो पर अधिक बोझ देख दिव्या ने बच्चो को ट्यूशन पढ़ाने का काम शुरू कर दिया। जिससे यह बोझ दो जगह बट गया और उनकी मां को थोड़ी राहत मिली।

UPSC Success Story: दिव्या तंवर से शुरुआती शिक्षा कहा से ली

आईएएस दिव्या तंवर ने शुरुआती पढ़ाई महेंद्रगढ़ के ही निंबी मनु हाईस्कूल विद्यालय से पूरी की है। जवाहर नवोदय विद्यालय से उन्होंने 12 वीं तक शिक्षा पूरी की है। राजकीय पीजी कॉलेज से महेंद्रगढ़ से उन्होंने पीसीएम में स्नातक डिग्री हासिल कर उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। फिर कभी पीछे मुड़कर नही देखा। पैसे की वजह से उन्होंने किसी कोचिंग का भी सहारा नहीं लिया। घर पर रहकर दिव्या तंवर ने यूपीएससी परीक्षा पास कर 105वीं रैंक हासिल कर दिखाई है।

कितने घंटे पढ़ती थी IAS Divya Tanwar

सेल्फ स्टडी के दम पर यूपीएससी पास कर आईएएस दिव्या तंवर ने लंबे समय से कोचिंग करने वालो को चौंकाकर रख दिया। लोगो ने दिव्या तंवर से उनकी पढ़ाई का शेड्यूल भी जानने की कोशिश की। आपको बता दे दिव्या तंवर शुरुआती दिनों में 4 से 5 घंटे की पढ़ाई किया करती थी। लेकिन बाद में उन्होंने इसे बड़ाकर 10 घंटे कर दिया।

दिव्या तंवर सिर्फ एक कमरे में पढ़ाई करती थी जिसमे ही उनका खाना पीना पढ़ना सोना सबकुछ होता था। सिर्फ 23 वर्ष की उम्र में दिव्या तंवर ने साल 2021 में यूपीएससी परीक्षा पास कर ऑल इंडिया 438 रैंक हासिल की। लेकिन फिर भी उन्होंने हिम्मत नही हारी आईपीएस रहते हुए उन्होंने फिर से पढ़ाई शुरू की और साल 2022 में ऑल इंडिया 105 वीं रैंक लाकर दिखा दिया कि मेहनत अगर जीतोड़ हो तो मुकाम हासिल करने से कोई रोक नहीं सकता।

दिव्या तंवर ने अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपनी माता को दिया। उन्होंने बताया की मां ने उनका पूरा साथ दिया। घर के कामों में उन्हे उलझने की बजाय खुद सारा काम किया। मां ने कड़ी मेहनत की लेकिन उनपर किसी तहत का दवाब नही डाला।

बोनस: लक्ष्य पाने के लिए जरुरी आप अमीर हो, गरीब भी सपने देखते है और उन्हें पूरा करते है, लेकिन सपने पूरा करने के लिए अंदर जुनून होना चाहिए।

नत्थू सिंह

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